सभी औरतों की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती. किसी को एक बच्चा होता है तो किसी को जुड़वा. वैसे इस दुनिया में कई ऐसे लोग भी है जो जुडवा बच्चे चाहते है. पर ये हम पर निर्भर नहीं करता. ये नैचुरली होता है. आप चाह कर भी जुड़वा बच्चे पैदा नहीं कर सकते. अगर नसीब में लिखा होगा तो ही मिलेगा. जुड़वा बच्चे पैदा करना हमारे हाथ में तो नहीं होता पर ऐसे कई शोध किये गए है जिससे ये पता चला है की किन महिलायों को और किस स्थिति में जुड़वाँ बच्चे होते है. और कुछ धारणाएं भी है जिसे लोग मानते है और सोचते है की इससे जुड़वा बच्चे होते है. तो इसीलिए आज इस लेख में हम ये जानेंगे की जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते है. और उनके लक्षण क्या होते है. हो सकता है आपको भी जुड़वा बच्चे हो इसीलिए इस लेख को जरुर पढ़ें.
कारण
वैज्ञानिक कारण: जुड़वा बच्चे दो तरह के होते है. पहला जो एक जैसा दीखते है उन्हें Monozygotic Twins कहा जाता है. दूसरा जो एक दुसरे से अलग दीखते है पर साथ में ही पैदा होते है उन्हें Dizygotic Twins कहा जाता है.
Monozygotic Twins तब पैदा होते है जब कोई एक स्पर्म किसी एक अंडे को फर्टिलाइजर करता है. पर उस अंडे में एक के बजाय दो एम्ब्रीओ का निर्माण होता है. बच्चे के शरीर के बनने के शुरूआती चरण को एम्ब्रीओ कहा जाता है. जब एक अंडे में दो एम्ब्रीओ बनते है तब Monozygotic Twins यानि एक जैसे दिखने वाले बच्चे पैदा होते है. एक ही अंडे में होने के कारण दोनों के डीएनए इनफार्मेशन एक जैसे ही होते है इसीलिए Monozygotic Twins एक जैसे दीखते है.
Dizygotic Twins तब पैदा होते है जब दो अलग स्पर्म दो अलग अंडे को फर्टिलाइजर करते है. एक स्पर्म एक अंडे को और दूसरा स्पर्म दुसरे अंडे को फर्टिलाइजर करता है. इससे दो अलग अलग अंडे में अलग अलग एम्ब्रीओ का निर्माण होता है. इन एम्ब्रीओ के अलग अलग अंडों में होने के कारण इनके डीएनए इनफार्मेशन भी अलग अलग होते है. इसीलिए Dizygotic Twins बच्चे एक जैसे नहीं दीखते. हालाँकि ये साथ में ही पैदा होते है और जुडवा होते है फिर भी ये अलग अलग ही दीखते है.
जेनेटिक कारण: अगर आपके घर में पहले कभी जुडवा बच्चे पैदा हुए है तो संभावना है की आपको भी जुडवा बच्चे हो सकते है. वैसे ये केवल महिलाओं पर लागु होता है. पुरुषों पर नहीं. अगर आप भी जुडवा ही है तो आपको भी जुडवा बच्चे हो सकते है.
शारीरिक कारण: वैसे ये कोई मुख्य कारण नहीं है पर कई शोध में पाया गया है की जिन महिलाओं का बीएमई ३० या उससे जादा है उन्हें जुडवा बच्चे होने की संभावना जादा होती है. यानि जुडवा बच्चों का होना माँ के शरीर की लंबाई और वजन पर भी निर्भर करता है. और कई शोध में ये भी पाया गया है की माँ की आयु बढ़ने के साथ ही जुड़वा बच्चा होने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है. क्यू की बढ़ते उम्र के साथ फॉलिकल हार्मोन के निर्माण में कमी आ जाती है. जिससे महिलायों में अंडो की संख्या बढती जाती है. तो जैसे जैसे अंडों की संख्या बढ़ेगी वैसे वैसे जुडवा बच्चे होने की संभावना भी बढ़ेगी. वैसे ये निश्चित नहीं है. पर जुडवा बच्चे देनेवाली अधिकतर महिलाओं को ऐसी ही स्थिति में पाया गया है.
लक्षण
तो ये कुछ कारण है जिससे जुडवा बच्चे पैदा होते है. जिन महिलाओं को जुडवा बच्चे होने वाले हो उन्हें खास करके ख्याल रखना चाहिए. क्यू की उनके पेट में दो बच्चे पल रहे होते है. और इसके उन्हें दोगुना मशक्कत और तकलीफ भी झेलनी पड़ सकती है. और कभी कभी जुडवा गर्भावस्था वाली महिलाओं का डिलीवरी भी समय से पहले होने की संभावना अधिक होती है. तो ऐसे में आपको सतर्क रहना चाहिए. बाकि अगर आपके नसीब में जुडवा बच्चे लिखे होंगे तो आपको जरुर मिलेंगे. उम्मीद करता हु आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा.
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