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ये 6 टिप्स दिलाएंगे खर्राटों से हमेशा के लिए छुटकारा

treatment of snoring

खर्राटे लेना एक आम समस्या है. पर शायद ही आपको पता होगा, की ये एक बीमारी है. और इससे हमारे स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचता है. आज के दौर में ये बीमारी अधिकतर लोगो को होने के कारण लोग इसे आम समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते है. पर ये सही नहीं है. खर्राटे लेने का मतलब है, की आपके शरीर में कोई समस्या है. वैसे हल्के फुल्के खर्राटों से जादा नुकसान नहीं होता, पर जब खर्राटा बढ़ जाए और जादा होने लगे तो समझिये आपके स्वास्थ्य को खतरा है. और खर्राटों से आपको तो नुकसान होता ही है, साथ में दूसरों का भी चैन और नींद हराम हो जाता है.

खर्राटों के कारण

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लोग सोचते है, की जादा थकान होने के कारण खर्राटे आते है. पर ऐसा नहीं है. ठीक से सांस न ले पाने के कारण खर्राटे आते है. यानि सोते समय खुलकर सांस न ले पाने के कारण खर्राटे आते है. और खुलकर सांस न ले पाने के कई कारण हो सकते है. जैसे की: -

  • जादा मोटापा बढ़ जाने के कारण श्वास नलिका दब के सिकुड़ जाती है. जिससे खुलकर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में जब सांस लेते है, तब श्वास नलिका में वाइब्रेशन होने लगती है. जिससे खर्राटों की आवाज आती है. इसे ही खर्राटे कहते है. 
  • सोते समय कई लोगो के गले में लटक रही घंटी (Uvula) गले में फसने लगती है. जिससे खुलकर सांस लेने में दिक्कत होती और खर्राटों की आवाज आती है. 
  • सर्दी जुकाम में नाक के जाम हो जाने के कारण भी खर्राटे आते है. 
  • कभी कभी किसी एक्सीडेंट के कारण नाक की हड्डी टेढ़ी हो जाती है. जिसके कारण भी सोते समय नाक बजने लगता है. 
  • कई बार ह्रदय रोग होने के कारण भी खर्राटे की समस्या होती है. 

ये कुछ आम कारण है खर्राटे आने के. ऐसे ही कई और भी कारण है. पर कारण जो भी खर्राटों के वजह से बहुत नुकसान होता है. क्यों की जब हम किसी कारणवश खुलकर सांस नहीं ले पाते तब हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. और इस ऑक्सीजन की पूर्ति करने के लिए हमारा ह्रदय तेज गति से काम करने लगता है. जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा पैदा हो जाता है. इससे फेफड़ों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके अलवा कई और अन्य परेशानियाँ भी हो सकती है. इसलिए खर्राटे लेना जितना सधारण दीखता है उतना है नहीं. ये बढ़ने के बाद कई गंभीर परेशानियाँ भी पैदा कर सकता है.

खर्राटों का इलाज

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खर्राटों का इलाज उसके समस्या पर निर्भर करता है. जो भी समस्या हो उसका इलाज करने के बाद खर्राटे आना अपने आप बंद हो जाएगा. पर कुछ टिप्स है, जिससे खर्राटों की समस्या को दूर किया जा सकता है.

  • जादातर मोटे लोगों को खर्राटे आते है. तो सबसे पहले मोटापा कम करें, फिर खर्राटों की समस्या अपने आप ख़त्म हो जाएगी. 
  • पीठ के बल सोने के बजाय बाएं या दाहिने तरफ पलटकर लेकर सोयें. इससे श्वास नलिका दबेगी नहीं और खर्राटे भी नहीं आएँगे. 
  • सर के निचे तकिया लगाकर सोयें.
  • रोज कार्डियो एक्सरसाइज (दौड़ना, चलना, साइकिल चलाना) और प्राणायाम (अनुलोम विलोम प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम) जैसे व्यायाम जरुर करें. 
  • रात में हल्का भोजन लें. 
  • कई बार गले के चारो तरफ मांस जमा होने के कारण भी श्वास नलिका दब जाती है, और खर्राटे है. इसके लिए रोज गले का व्यायाम करें और मांस कम करें. 

ये 6 टिप्स है, जिससे आप खर्राटों की समस्या से छुटकारा पा सकते है. इसके अलावा अगर खर्राटे किसी बीमारी के कारण आती हो, तो अपने डॉक्टर से मिलें. और अगर बहुत जादा खर्राटे आते हो या ये टिप्स काम न करते हो, तो भी डॉक्टर से मिले और सही इलाज करवाएं. पर आपको बता दें, की रोज व्यायाम और प्राणायाम करने से आपको खर्राटों की समस्या कभी नहीं होगी. और आपका स्वास्थ्य भी हमेशा अच्छा बना रहेगा.



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