अर्थराइटिस को हिंदी में गठिया रोग कहा जाता है. ये जोड़ों के दर्द की बीमारी है. इस बीमारी में शरीर के जोड़ों में असहनीय दर्द होने लगता है. और कभी कभी सूजन भी आ जाता है. पहले के समय में ये बीमारी केवल बुजुर्गों को हुआ करती थी. पर अब ये बीमारी नवजवानों को भी होने लगी है. और दिन-ब-दिन ये बीमारी बढती ही जा रही है. इसीलिए अब ये बीमारी एक गंभीर समस्या का विषय बन चूका है.
अर्थराइटिस एक आम बीमारी है, जो हमारे गलत खान-पान और जीवनशैली के वजह से होता है. यानि इस बीमारी को आप सही खान-पान और व्यायाम के जरिये ख़त्म कर सकते है. और इसका सही इलाज भी यही है. समय रहते इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो, ये बीमारी आगे चल कर गंभीर रूप भी ले सकती है. जिसमे आपका चलना फिरना या उठाना बैठना भी दुश्वार हो सकता है या जोड़ों में ऐंठन भी आ सकता है. इसीलिए आपको इस बीमारी के इलाज के बारे में पता होना चाहिए. क्यों की ये बीमारी आपको या आपके किसी परिजन को भी हो सकता है.
अर्थराइटिस के प्रकार
अर्थराइटिस के लक्षण
अर्थराइटिस के कारण
- गलत खान-पान और जीवनशैली,
- मादक पदार्थों का सेवन
- व्यायाम या शारीरिक कार्य में कमी
- शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी
- बैठकर घंटों काम करना
- जादा जंक फूड का सेवन आदि
ये कुछ आम कारण है अर्थराइटिस के. और आज कल के लोगो में ये सारी गलतियाँ पाई जाती है. जिससे ये बीमारी बढती ही जा रही है.
अर्थराइटिस से बचने के उपाय
अर्थराइटिस से बचने और इलाज करने के लिए हमें अपने खान-पान और दिनचर्या को बदलना होगा. इसके लिए निचे कुछ टिप्स दिए गए है, जिसे आप फॉलो कर सकते है.आहार: अर्थराइटिस अधिकतर कैल्शियम, विटामिन सी और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है. इसीलिए अर्थराइटिस में जादा से जादा दूध उत्पादन (दूध, दही, घी, पनीर), बादाम, पालक और सोयाबीन आदि जैसे पदार्थों का सेवन करना चाहिए. जिससे हमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, विटामिन सी और मिनरल्स मिल सके. इसके साथ साबुत अनाज खाएं, जिससे पेट साफ़ रहे. क्यों की पेट की समस्या के कारण भी अर्थराइटिस की बीमारी होती है. इसके अलावा बाहर का जंक फ़ूड, अनहाइजीनिक फ़ूड, शराब, धुम्रपान, तंबाकू और पान मसाला आदि जैसे हानिकारक पदार्थों का सेवन बिलकुल भी न करें. इससे पेट ख़राब होता है और शरीर में गंदगी भी जमा होती है.
व्यायाम: व्यायाम करके आप अर्थराइटिस से राहत पा सकते है. क्यों की व्यायाम करने से आपका रक्त संचार संतुलित रहेगा, शरीर लचीला रहेगा और शरीर से सारी गंदगी भी निकल जाएगी. और अर्थराइटिस के मरीजों को खास कर मोशन एक्सरसाइज, स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज और एरोबिक्स या एंड्यूरेंस एक्सरसाइज जरुर करना चाहिए. और कोई भी व्यायाम करने से पहले स्ट्रेचिंग और वॉर्म-अप जरुर करें. इससे जरुर फायदा होगा.
नोट: अर्थराइटिस के ट्रीटमेंट के लिए किसी अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट को खोजें. वो आपको दर्द कम करने के लिए सही सलाह दे सकते है.
सिकाई: दर्द वाली जगह पर बर्फ से सिकाई करें. भाप से स्नान लें और मालिश करें. और मालिश के लिए जैतून या अरंडी के तेल का इस्तेमाल करें. ऐसा आपको रोज करना है, इससे जरुर फायदा होगा.
ये कुछ टिप्स है जिससे आप अर्थराइटिस के बीमारी से राहत पा सकते है. हमेशा अपने पेट को साफ़ रखें, रात की पूरी नींद लें और रोज जादा से जादा पानी पियें. इससे आपके शरीर में गंदगी नहीं जमा हो पाएगी. इसके अलावा दिन भर एक ही जगह पर बैठे न रहें, हिलते डुलते रहें और कोई न कोई शारीरिक कार्य करते रहें. इन टिप्स को फॉलो करने से आपका शरीर हमेशा चुस्त और दुरुस्त रहेगा. फिर अर्थराइटिस क्या कोई भी बीमारी जल्दी नहीं होगी.
अर्थराइटिस जिंदगी भर चलने वाली बीमारी है. इसीलिए इसका सही इलाज व्यायाम और सही खान-पान ही है. और अगर समस्या गंभीर हो जाए यानि जोड़ों में तेज दर्द और सुजन हो जाए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और सही इलाज करवाएं. और साथ ही इन टिप्स को भी फॉलो करें. इससे जल्दी फायदा होगा. पर अगर आप शुरुआत में ही इन टिप्स को फॉलो कर लेंगे तो ये बीमारी तुरंत ख़त्म हो जाएगी. और जल्दी होगी भी नहीं. इसीलिए जब भी कोई छोटा मोटा जोड़ो का दर्द हो तो तुरंत इलाज कर लें. इससे आपको आगे अर्थराइटिस की बीमारी नहीं होगी.
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