चमकी बुखार एक तरह का (दिमागी बुखार) है. इसे एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) के नाम से जाना जाता है. लेकिन हमारे भारत में इसे चमकी बुखार से जाना जाता है. यह बीमारी उत्तरी बिहार राज्य और उसके आस – पास के राज्यों में बहुत तेजी से फ़ैल रहा है. इस बीमारी के चलते कई बच्चे अपनी जान गवा चुके है, और कई बच्चे गंभीर अवस्था में है. शोध से पता चला है की यह बीमारी ४ से १५ साल के उम्र वाले बच्चो को हो रही है. चमकी बुखार बहुत ही खतरनाक जीवाणु “इन्सेफेलाइटिस” के संक्रमण के कारण होता है. आपको बता दें की यह जीवाणु शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम और दिमाग के ऊतकों पर हमला करता है. चमकी बुखार उन बच्चो को अपनी चपेट में जल्दी लेता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है और जो मानसिक तौर पर कमजोर होते है. अगर आप भी चाहते है की आपका बच्चा इस बीमारी के चपेट में ना आए तो इस लेख को पूरा पढियेगा. हम आपको बताएँगे की इस बीमारी के लक्षण क्या है, इस बीमारी के दुष्परिणाम क्या है और इस बीमारी से कैसे बचा जाए.
लक्षण
घरेलु उपचार
- बच्चे को गर्म पानी में ORS घोलकर पिलाए और कोई पेय पदार्थ ना दे.
- बच्चो का इम्युनिटी पावर कमजोर होता है. इसके लिये आप बच्चो को किसी भी तरह से लहसुन का सेवन करवाए. क्योकि लहसुन में एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सिडेंट, एलिकिन नामक औषधीय तत्व होते है, जो की इम्युनिटी पावर को मजबूत बनाते है.
- पीड़ित बच्चो को बुखार में पूरा आराम करवाएं.
- बच्चे को कम रौशनी वाले और शांत कमरे में रखे, जिससे वह अच्छा महसूस करेगा.
- चमकी बुखार के दौरान बच्चे को टीवी, मोबाइल और किसी भी तरह से दिमाग पर जोर डालने वाली चीजो से दूर रखे. ऐसा करने से बच्चे को सर दर्द की परेशानी नहीं होगी.
- बुखार के दौरान अगर बच्चा घबराए या बहकी – बहकी बाते करे तो, उसकी बातों का प्यार से जवाब दे. नहीं तो उसका संतुलन बिगड़ सकता है.
- जरुरी नहीं है की यह बीमारी सिर्फ बच्चो को हो, यह बड़ो या बुर्जुगो को भी हो सकती है. इसलिए उन्हें भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए है.
सावधानियां
- चमकी बुखार की बीमारी से बचने के लिये बच्चो को धुप से बचाए, पुरे दिन में पर्याप्त पानी पीने के लिये बोले.
- बच्चो के शरीर की साफ़ सफाई रखे, दिन में २ से ३ बार स्नान करवाएं.
- संतुलित आहार कराएं और बाहर का जंक फ़ूड खाने के लिये न दे.
- बच्चो को जलजमाव वाले जगह और गंदगी से दूर रखे, साफ़ और स्वच्छ पानी का ही उपयोग करे.
- खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद बच्चो के हाथ धुलाएं.
- बच्चों को जूठे व सड़े हुए फल न खाने दें.
- बच्चो को उन जगहों पर न जाने दें जहाँ सूअर विचरण करते है.
तो ये थे चमकी बुखार (दिमागी बुखार) के लक्षण, घरेलु उपचार और बरतने के लिये सावधानियों के बारे में सारी जानकारी. अगर आप चाहते है की आपका बच्चा पीड़ितो के समूह में सामिल ना हो तो इन चीजो का ख्याल रखे. उम्मीद करता हु आपको ये लेख पसंद आया होगा.
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