मिर्गी हमारे तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की एक बीमारी है. हमारे तंत्रिका तंत्र में बहुत सारे न्यूरॉन कोशिकाएं (Neuron Cells) होती है, जो हमारे शरीर के विभिन्न अंगों के सिग्नल को दिमाग तक पहुँचाने का कार्य करती है. जिससे हम अपने अंगो को नियंत्रित कर पाते है, या महसूस कर पाते है. और जब इन सिग्नल्स को दिमाग तक पहुँचने में कोई बाधा आती है और सिग्नल्स हमारे दिमाग तक नहीं पहुँच पाते, तब हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं करता और उल्टा सीधा हरकत करने लगता है. जिससे हमारे अंग भी नियंत्रण से बाहर हो जाते है. इसे ही मिर्गी का दौरा कहा जाता है. अब ये बीमारी दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है, क्यों की आज कल के लोगो की दिनचर्या और खान पान सब बिगड़ चूका है. आज के समय में इस बीमारी के होने की संभावना जादा है. ये कसी को भी हो सकता है, आपको भी. इसीलिए आपको इसके बारे में सारी जानकारी पता होनी चाहिए. की ये बीमारी कैसे होता है, और इसका लक्षण या इलाज क्या है. ताकि आप इस बीमारी से बचे रहे.
मिर्गी के कारण
- ये बीमारी हमारे तंत्रिका तंत्र (Nervous System) के कार्यप्रणाली में गड़बड़ी या किसी नुकसान के कारण होता है. और ये गड़बड़ी कई कारणों से हो सकता है, जैसे की:
- शरीर में जादा गंदगी जमा होने के कारण
- सर में चोट लगने के कारण
- दिमागी रोग के कारण
- पूरी नींद न लेने के कारण
- जादा टेंशन लेने के कारण
- लकवा के कारण
- ब्रेन ट्यूमर के कारण
- दिमाग में ऑक्सीजन की कमी के कारण
- जादा अल्कोहल लेने के कारण
- ये कुछ मुख्य कारण है, ऐसे ही कई और भी कारण है इस बीमारी के होने के.
मिर्गी के लक्षण
मिर्गी के घरेलू उपचार
तुलसी: मिर्गी के लिए तुलसी एक रामबाण इलाज है. तुलसी में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है. जो दिमाग में फ्री रेडिकल्स को ठीक रखने में मदद करता है. तो जब भी किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़े तब तुरंत तुलसी के रस में सेंधा नमक मिलाकर मरीज के नाक में डाल दें. इससे मरीज को राहत मिलेगा. इसके अलावा मिर्गी के मरीज को रोज २० से ३० तुलसी के पत्तियों को चबा कर खाना चाहिए. इससे ये बीमारी कम हो जाएगी.
सफ़ेद प्याज: मिर्गी के रोग से छुटकारा पाने के लिए सफ़ेद प्याज भी कारगर होता है. इसके लिए मरीज को रोज एक चम्मच सफ़ेद प्याज का रस पीना चाहिए. इससे भी मिर्गी की बीमारी दूर होती है.
राइ, कपूर, लहसुन: इस उपाय के लिए राइ का तेल, कपूर, हिंग, लहसुन और आक की जड़ के छाल का रस, इन सभी चीजों को पानी में पीसकर मरीज को सुंघाने से मरीज जल्दी होश में आ जाता है.
ये कुछ घरेलु उपाय है, जिससे मिर्गी के रोग का इलाज किया जा सकता है. अब हम इससे बचने के कुछ उपायों के बारे में जानेंगे. हमारे शरीर में अधिक मात्रा में गंदगी और विषैले तत्वों के जमा होने के कारण ये बीमारी होती है. इसीलिए सबसे पहले हमें अपने शरीर में गंदगी जमा होने से रोकना होगा. इसके लिए आप निचे दिए गए टिप्स को फॉलो करें.
- दिमाग को स्वस्थ रखने वाले पदार्थ और हरी सब्जी, फल अदि जैसे पदार्थों का सेवन करें.
- रोज सुबह खुली हवा में व्यायाम करें और साथ ही साथ अनुलोम विलोम प्राणायाम, ब्रह्मारी प्राणायाम और भस्त्रिका प्राणायाम भी जरुर करें.
- रोज जादा से जादा पानी पियें.
- जादा टेंशन न लें.
तो इन टिप्स को फॉलो करने से आपके शरीर में गंदगी जमा नहीं हो पाएगी. आपका दिमाग और सभी अंग आपके नियंत्रण में रहेंगे. और आपको कभी भी मिर्गी की बीमारी नहीं होगी. मिर्गी के रोगी को भी ये टिप्स फॉलो करने चाहिए. इससे ये बीमारी जल्दी ख़त्म हो जाएगी. और जिसे ये बीमारी नहीं है, उसे भी ये टिप्स फॉलो करने चाहिए, ताकि आपको कभी भी ये बीमारी ना हो.
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